Monday 18 June 2012

आमिर को सच्चाई से कोई मतलब नहीं......


आमिर को सच्चाई से कोई मतलब नहीं......

आमिर को सच्चाई से कोई मतलब नहीं है| ये फिल्मी लोग बड़े पर्दे पर तो पैसे के लिए अभिनय करते ही हैं.... और अब छोटे पर्दे पर भी वैसा ही कर रहे हैं| अगर इनको समाज से सही माने में कुरूतियों को दूर करना है तो स्टूडियो में बैठ कर चंद लोगो से बात करने से कुछ नही होगा उसके लिए एक पुरजोर जान आंदोलन की ज़रूरत है जैसे, गाँधी जी, अंबेडकर जी, फूले जी आदि ने चलाए थे|  कन्या भ्रूण के मामले, ओनर किल्लिंग, महिला उत्पीड़न (घरेलू हिंसा) अगर अमीर को समाज की सच्ची की बात करनी हो तो खुद महिल उत्पीड़न बंद करे (दो हिंदू औरतो से शादी की)|

  1. आमिरखान को एक शो और बनाना चाहिए दूसरी शादी करने के लिए पति द्वारा जबरन तलाक या छोड़ दी गई महिलाओं की दास्तान पर| 
  2. एक शो उन महिलाओं की जिंदगी पर जिनके पति ने एक से ज्यादा शादियाँ कर रखीं हैं| 
  3. एक अन्य शो बनाना चाहिए जिसमें ज्यादा बच्चे रखने वाले गरीब व मध्यवर्गीय परिवारों की दास्तान पर |
  4.  एक शो जिहाद के नाम पर उत्पात मचानेवालों, गुंडागर्दी और नरसंहार करने वालों पर|
  5.  एक शो ईशनिंदा के नाम पर लोगों का हाथ काटने, देश से भागने पर मजबूर कर देने या जान से मार देने वालों व उन्हें समर्थन देने वालों पर| 
  6. एक शो एक ही देश में एक धर्मविशेष के लोगों को चार शादियाँ और जब चाहे किसी भी बीबी को चटपट तलाक देने के अधिकार पर |
  7. एक अन्य शो वालीवुड की तमाम अभिनेत्रियों या वैसी अन्य महिलाओं पर जो शादीसुदा लोगों से शादी कर उनकी पहली पत्नी का जीवन नरक बना देती हैं|

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