Wednesday 20 June 2012

मंदिर जाएं तो घंटी जरूर बजाएं



मंदिर जाएं तो घंटी जरूर बजाएं



मंदिरों से हमेशा घंटी की आवाज आती रहती है। सामान्यत: सभी श्रद्धालु मंदिरों में लगी घंटी अवश्य बजाते हैं। 


  1.  घंटी की आवाज हमें ईश्वर की अनुभूति तो कराती है साथ ही हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। 
  2. घंटी आवाज से जो कंपन होता है उससे हमारे शरीर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  3.  घंटी की आवाज से हमारा दिमाग बुरे विचारों से हट जाता है और विचार शुद्ध बनते हैं।
  4. पुरातन काल से ही मंदिरों में घंटियां से लगाई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि जिस मंदिर से घंटी बजने की आवाज नियमित आती है, उसे जागृत देव मंदिर कहते हैं। उल्लेखनीय है कि सुबह-शाम मंदिरों में जब पूजा-आरती की जाती है तो छोटी घंटियों, घंटों के अलाव घडिय़ाल भी बजाए जाते हैं। इन्हें विशेष ताल और गति से बजाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि घंटी बजाने से मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति के देवता भी चैतन्य हो जाते हैं, जिससे उनकी पूजा प्रभावशाली तथा शीघ्र फल देने वाली होती है।
  5. पुराणों के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से हमारे कई पाप नष्ट हो जाते हैं।
  6.  जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद (आवाज) था, वहीं स्वर घंटी की आवाज से निकलती है। 
  7. यही नाद ओंकार के उच्चारण से भी जाग्रत होता है। 
  8. घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है। 
  9. धर्म शास्त्रियों के अनुसार जब प्रलय काल आएगा तब भी इसी प्रकार का नाद प्रकट होगा।
  10. मंदिरों में घंटी बजाने का वैज्ञानिक कारण भी है। 
  11. जब घंटी बजाई जाती है तो उससे वातावरण में कंपन उत्पन्न होता है जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन की सीमा में आने वाले जीवाणु, विषाणु आदि सुक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं तथा मंदिर का तथा उसके आस-पास का वातावरण शुद्ध बना रहता है।
  12.  साथ ही इस कंपन का हमारे शरीर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। घंटी की आवाज से हमारा दिमाग बुरे विचारों से हट जाता है और विचार शुद्ध बनते हैं।
  13.  नकारात्मक सोच खत्म होती है।
  14.  इसी वजह से हम जब भी मंदिर जाए तो मंदिर की घंटी जरूर बजानी चाहिए।

3 comments:

  1. Aaj se baba ki upadhi tumhe mil gya.
    Rohit Baba ki jai. Thanks for this information.

    ReplyDelete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  3. बाबा आप धन्य है| लेकिन उपाधि बार-२ बदला नही जाता, इसीलिए बाबा आप ही रहोगे |

    ReplyDelete